कांग्रेस ने धर्मशाला और कार्यालय के स्वरूप से छेड़छाड़ पर जताई नाराज़गी


कांग्रेस ने धर्मशाला और कार्यालय के स्वरूप से छेड़छाड़ पर जताई नाराज़गी, एचआरडीए सचिव को सौंपा ज्ञापन

ब्यूरो/हरिद्वार।( मौ. गुलबहार गौरी)

हरिद्वार की ऐतिहासिक और आस्था की पहचान हर की पैड़ी हमेशा से धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र रही है। इसी पावन धरा पर स्थित सुभाष घाट पर खिलंदी बाई की धर्मशाला और उसके भूतल पर बने कांग्रेस कार्यालय के स्वरूप में कथित छेड़छाड़ को लेकर कांग्रेस ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। इस मुद्दे को गंभीर मानते हुए जिला महानगर कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधिमंडल ने हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) के सचिव को एक ज्ञापन सौंपा और मामले में तत्काल कार्रवाई की मांग की।

ज्ञापन सौंपते समय जिला महानगर कांग्रेस अध्यक्ष अमन गर्ग और स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी विभाग के अध्यक्ष मुरली मनोहर ने सचिव मनीष कुमार सिंह को अवगत कराया कि धर्मशाला के तथाकथित ट्रस्टी द्वारा नियम-कायदे ताक पर रखकर भूतल की मोटी-मोटी दीवारों को तोड़कर अवैध व्यवसायिक निर्माण कराया जा रहा है। उनका कहना था कि इस तरह की खुदाई और तोड़फोड़ से न केवल भवन की संरचना खतरे में पड़ सकती है बल्कि किसी भी क्षण कोई अप्रिय हादसा भी हो सकता है।

कांग्रेस नेताओं ने साफ कहा कि जिस स्थान पर वर्षों से कांग्रेस का दफ़्तर मौजूद है, वहां जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है। यह न सिर्फ राजनीतिक दफ़्तर के अस्तित्व पर आघात है बल्कि ऐतिहासिक महत्व रखने वाले स्थान की पवित्रता के साथ खिलवाड़ भी है।

पूर्व प्रदेश महासचिव वरुण बालियान और वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनोज सैनी ने इस मसले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा कि कांग्रेस कार्यालय को खुर्द-बुर्द कर व्यवसायिक लाभ के लिए अवैध निर्माण किया जा रहा है। यह सरासर ग़लत और अमान्य है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि इस पर शीघ्र रोकथाम नहीं की गई और जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो कांग्रेसजन आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

इस अवसर पर कांग्रेस पदाधिकारियों ने कहा कि धर्मशालाओं का स्वरूप हमेशा धार्मिक और सामाजिक सेवा के लिए होता आया है। उसे व्यावसायिक रूप देना परंपराओं के साथ विश्वासघात है। कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया कि धर्मशाला की आड़ में निजी हित साधने की कोशिश हो रही है, जो कतई स्वीकार्य नहीं।

ज्ञापन प्राप्त करने के बाद एचआरडीए सचिव मनीष कुमार सिंह ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल जांच कराई जाएगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी और किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते कदम नहीं उठाए तो मामला केवल निर्माण तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि शहर की धार्मिक और राजनीतिक गरिमा भी प्रभावित होगी। हरिद्वार की पहचान रही हर की पैड़ी को लेकर किसी भी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

ज्ञापन सौंपने वालों में पार्षद सोहित सेठी, ऋषभ गोयल, सोनू शर्मा सहित अनेक कांग्रेसजन मौजूद रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि यदि धर्मशाला और कांग्रेस कार्यालय की संरचना को बचाने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा तो वे पीछे नहीं हटेंगे।

हरिद्वार जैसे धार्मिक और पर्यटन नगरी में इस प्रकार का निर्माण कार्य केवल भवनों को ही नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास की नींव को भी कमजोर करता है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि यह केवल कांग्रेस कार्यालय का मामला नहीं, बल्कि शहर की सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर को बचाने का प्रश्न है।

कुल मिलाकर कांग्रेस ने स्पष्ट संदेश दे दिया है कि यदि धर्मशाला और कार्यालय की मूल पहचान के साथ छेड़छाड़ हुई तो वह चुप नहीं बैठेगी। अब सबकी निगाहें प्रशासन और एचआरडीए की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं, जिससे तय होगा कि धर्मशाला और उससे जुड़े कांग्रेस कार्यालय का स्वरूप सुरक्षित रह पाएगा या नहीं।


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