रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती मोहनपुरा में धूमधाम से मनाई गई
रुड़की ।31 मई: ( मौ.गुलबहार गौरी) मोहनपुरा में रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती का आयोजन बड़ी धूमधाम और श्रद्धा के साथ किया गया। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने वाले इस आयोजन में सैकड़ों लोग शामिल हुए। इस भव्य कार्यक्रम में पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, भारत रक्षा मंच की प्रदेश अध्यक्ष रश्मि चौधरी, रूड़की की मेयर अनीता अग्रवाल , लंढौरा की राजपरिवार से रानी देवयानी सहित अनेक गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की।
कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक पूजन और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। रानी अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई और उनके जीवन एवं योगदान पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गईं। कार्यक्रम स्थल को आकर्षक ढंग से सजाया गया था, जहां बड़ी संख्या में ग्रामीणों, महिलाओं, युवाओं और बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
पूर्व मंत्री मदन कौशिक ने अपने संबोधन में कहा, “रानी अहिल्याबाई न केवल एक महान शासिका थीं, बल्कि वह भारतीय संस्कृति, धर्म और सामाजिक न्याय की प्रतीक भी थीं। उनका जीवन सादगी, सेवा और राष्ट्र निर्माण की मिसाल है। हमें उनके आदर्शों से प्रेरणा लेकर समाज की दिशा में कार्य करना चाहिए।”
भारत रक्षा मंच की प्रदेश अध्यक्ष रश्मि चौधरी ने कहा कि रानी अहिल्याबाई ने एक महिला होकर जिस कुशलता से राज्य का संचालन किया और देशभर में धार्मिक स्थलों का निर्माण एवं जीर्णोद्धार कराया, वह इतिहास में अमिट है। उन्होंने कहा कि आज के समय में भी उनके विचार महिलाओं के सशक्तिकरण और राष्ट्र सेवा के लिए प्रासंगिक हैं।
रूड़की की मेयर अनीता अग्रवाल ने रानी अहिल्याबाई को महिला नेतृत्व का आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि उनका जीवन यह प्रमाणित करता है कि यदि नारी को अवसर मिले तो वह समाज और देश के लिए कितना बड़ा योगदान दे सकती है। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि रानी अहिल्याबाई के नाम पर कोई सार्वजनिक स्थल या संस्थान नामित किया जाए ताकि नई पीढ़ी उनके योगदान से अवगत हो सके।
लंढौरा राजपरिवार की रानी देवयानी ने रानी अहिल्याबाई की सरलता, धर्मपरायणता और जनता के प्रति उत्तरदायित्व की भावना को याद करते हुए कहा कि वे एक ऐसी शासिका थीं जिन्होंने राज्य को परिवार की तरह संभाला। उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई के जीवन से हमें यह सीख मिलती है कि नेतृत्व का सबसे बड़ा गुण सेवा भाव है।
इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने रानी अहिल्याबाई के जीवन पर आधारित नाट्य प्रस्तुति दी, जिसमें उनके बचपन से लेकर शासनकाल तक की झलक को जीवंत किया गया। स्थानीय महिलाओं द्वारा भजन संध्या और पारंपरिक नृत्य की प्रस्तुति ने कार्यक्रम को और भी भावनात्मक बना दिया।
कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान और सभी अतिथियों के सम्मान के साथ किया गया। आयोजकों ने बताया कि यह कार्यक्रम न केवल श्रद्धांजलि अर्पण का माध्यम है, बल्कि नई पीढ़ी को भारतीय इतिहास की महान विभूतियों से जोड़ने का प्रयास भी है।
रानी अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती पर मोहनपुरा में दिखी यह सांस्कृतिक एकता और श्रद्धा यह सिद्ध करती है कि आज भी रानी के आदर्श लोगों के हृदय में जीवित हैं और उनकी प्रेरणा समाज को नई दिशा देने में सक्षम है।
इस प्रोग्राम को सफल बनाने मे वार्ड नंबर 10 के पार्षद प्रमोद पाल , लोमस संरक्षक राजेंद्र पाल,देवराजपाल अध्यक्ष रामकुमार ,महामंत्री मुकेश पाल,संजय .पूर्व प्रधान पवन पाल,मोंटी पाल ,विकास पाल, प्रदीप ,वेदपाल, सतीश पाल, मुनेश्वर ,कृष्ण पाल ,चंद्रपाल आदि ने अपना भरपूर सहयोग प्रदान किया