हेमकुंड साहिब यात्रा में तीर्थयात्रियों का उत्साह चरम पर, रिकॉर्ड श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
चमोली, उत्तराखंड, 4 जून 2025: (मौ. गुलबहार गौरी) हिमालय की गोद में बसे पवित्र तीर्थ स्थल श्री हेमकुंड साहिब में इस वर्ष तीर्थयात्रियों का उत्साह अभूतपूर्व देखने को मिल रहा है। बीते चार दिनों से रुक-रुक कर हो रही बर्फबारी और अत्यधिक ठंड के बावजूद, श्रद्धालु अटूट आस्था और भक्ति के साथ गुरुद्वारे में दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। समुद्र तल से 15,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस पवित्र स्थल पर तीर्थयात्री बर्फीली हवाओं और जमा देने वाली ठंड के बीच भी पवित्र सरोवर में स्नान कर रहे हैं, जो उनके गहरे श्रद्धा भाव और संकल्प को दर्शाता है।
बीते आठ दिनों में करीब 30,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने श्री हेमकुंड साहिब के दर्शन किए हैं, जो पिछले वर्ष की तुलना में एक नया रिकॉर्ड है। यह तीर्थ स्थल सिख धर्म के दसवें गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की तपोस्थली मानी जाती है, और यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत समृद्ध करती है। देश-विदेश से श्रद्धालु यहां पहुंचकर न केवल गुरुद्वारे के दर्शन कर रहे हैं, बल्कि आसपास के धार्मिक और प्राकृतिक स्थलों जैसे फूलों की घाटी और लक्ष्मण मंदिर का भी आनंद ले रहे हैं।
श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष, श्री नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद वर्धन से हाल ही में मुलाकात कर यात्रा की व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने गोविंदघाट में एक स्थायी पुल निर्माण की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसकी घोषणा पूर्व में मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी कर चुके हैं। यह पुल भविष्य में यात्रा को अधिक सुरक्षित और सुगम बनाएगा, विशेषकर बरसात और बर्फबारी के समय।
इसके साथ ही, श्री बिंद्रा ने घांघरिया में तीर्थयात्रियों के लिए दो नए हॉल निर्माण की अनुमति देने हेतु मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि ये हॉल यात्रियों के लिए विश्राम और आवास की बेहतर सुविधा प्रदान करेंगे। उन्होंने यात्रा को सफल बनाने में जिला प्रशासन, राज्य सरकार, एसडीआरएफ, एटीएस, और आईटीबीपी जैसी सुरक्षा एजेंसियों की सराहना की, जो प्रमुख पड़ावों पर तैनात रहकर सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित कर रही हैं।
यात्रा मार्ग पर सुरक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, और रहने की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। इस दौरान प्रशासन द्वारा साफ-सफाई, चिकित्सा सुविधा, और पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
श्री बिंद्रा ने अंत में श्रद्धालुओं से अपील की कि वे पर्यावरण संरक्षण में सहयोग दें और यात्रा को प्लास्टिक-मुक्त बनाने में सरकार का साथ दें। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं की भागीदारी और प्रशासन का सहयोग इस यात्रा को सफल और यादगार बनाने में अहम भूमिका निभाते हैं।
श्री हेमकुंड साहिब यात्रा न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि सभी धर्मों के श्रद्धालुओं के लिए एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव है, जो आस्था, प्रकृति और सेवा का संगम प्रस्तुत करती है।