श्री हेमकुंट साहिब यात्रा: अब तक 2.28 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 10 अक्टूबर तक रहेगा दरबार खुला
ऋषिकेश/चमोली, 2 अगस्त 2025
रिपोर्ट- मौ. गुलबहार गौरी
गढ़वाल की पुरसुकून वादियों में बसा रूहानी मुक़ाम श्री हेमकुंट साहिब इन दिनों श्रद्धा, भक्ति और तस्लीम का मरकज़ बना हुआ है। इस साल अब तक 2 लाख 28 हज़ार से ज़्यादा श्रद्धालु इस पवित्र तीर्थ स्थल के दीदार कर चुके हैं और यह संख्या रोज़ाना बढ़ती जा रही है। सिख धर्म के सातवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी की तपोस्थली कहे जाने वाले श्री हेमकुंट साहिब का सफ़र हर साल लाखों दिलों को सुकून देता है।
इस साल मौसम ने भी ज़ियारतगुज़ारों का साथ बख़ूबी निभाया है। ना ज़्यादा बारिश, ना रास्तों में बड़ी रुकावटें – ऋषिकेश से लेकर गोविंदघाट तक का रास्ता पूरी तरह महफ़ूज़ और खुला है। किसी जगह मामूली भूस्खलन हुआ भी तो प्रशासन और स्थानीय एजेंसियों ने फौरन उसे साफ़ कर यात्रियों के लिए रास्ता आसान कर दिया।
हेमकुंट घाटी इन दिनों अपनी पूरी शान में है – सब्ज़ मखमली ढलानों पर ब्रह्मकमल की नायाब झलक, चारों ओर रंग-बिरंगे फूलों का मंजर, ठंडी हवाओं की छुअन और पहाड़ों की ख़ामोशियाँ – ये सब मिलकर एक रूहानी तजुर्बा बनाते हैं। हर तरफ़ से आने वाले श्रद्धालु अपने दिलों में सुकून और आंखों में आस्था लिए इस मुक़द्दस जगह की ओर बढ़ते जा रहे हैं।
श्री हेमकुंट साहिब प्रबंधक ट्रस्ट की जानिब से यात्रा को पूरी तरह से मुनज़्ज़म और मरकज़ी तरीक़े से चलाया जा रहा है। साफ़-सफ़ाई, स्वास्थ्य सेवाएं, ठहरने और खाने की सहूलतों का मुनासिब बंदोबस्त किया गया है, ताकि हर ज़ायर को ना सिर्फ़ एक आसान सफ़र मिले बल्कि वो वाहेगुरु की याद में पूरी तरह डूब सके।
ट्रस्ट के सदर श्री नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा ने तमाम अकीदतमंदों से ख़ास अपील की है कि वो इस फ़ैज़-भरे मौसम का फ़ायदा उठाएं और 10 अक्टूबर 2025 से पहले अपनी यात्रा मुकम्मल करें। उन्होंने कहा, “श्री हेमकुंट साहिब ना सिर्फ़ एक तीर्थ है बल्कि ये दिलों की पाकीज़गी और रूह की सफ़ाई का भी मरकज़ है। यहां आकर इंसान अपने अंदर की उलझनों को भूल जाता है और वाहेगुरु के नूर में डूब जाता है।”
प्रबंधक ट्रस्ट ने तमाम श्रद्धालुओं का खुले दिल से इस्तक़बाल किया है और भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा, सेहत और सहूलत के लिए हर मुमकिन इंतज़ाम किए गए हैं। लिहाज़ा, अगर आपने अब तक हेमकुंट साहिब के दीदार का इरादा नहीं किया, तो देर ना करें – ये मौसम, ये फ़िज़ा और ये रहमतों भरा सफ़र आपका इंतज़ार कर रहा है।
यात्रा अभी जारी है, दरबार खुले हैं – आइए और इस रूहानी मंज़िल का हिस्सा बनिए।