राशन और अंत्योदय गैस में मिली गड़बड़ी तो तुरंत निलंबन: मुख्यमंत्री धामी


राशन वितरण और अंत्योदय गैस रीफ़िल योजना में फर्जीवाड़ा मिला तो डीलर और अधिकारी दोनों होंगे सस्पेंड: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी

देहरादून, 1 अगस्त: ( मौ. गुलबहार गौरी )उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) और अंत्योदय गैस रीफ़िल योजना में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि यदि इन योजनाओं में किसी भी तरह का फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है, तो संबंधित राशन डीलर और जिम्मेदार अधिकारी — दोनों को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्देश दे रहे थे। बैठक में खाद्य, नागरिक आपूर्ति, और उपभोक्ता मामले विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा सभी जिलाधिकारियों ने वर्चुअली भाग लिया। मुख्यमंत्री ने राशन वितरण और अंत्योदय योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए दो टूक कहा कि गरीबों के हक़ पर डाका डालने वालों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी।

राशन वितरण में गड़बड़ी पर सख्त चेतावनी

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राशन वितरण एक संवेदनशील और जरूरी सेवा है, जो राज्य के लाखों गरीब परिवारों से जुड़ी हुई है। उन्होंने निर्देश दिए कि यदि किसी दुकान या डीलर द्वारा राशन में गड़बड़ी, कालाबाज़ारी, या अपात्र व्यक्ति को लाभ देने की शिकायत मिलती है और जांच में सत्य पाई जाती है, तो उस डीलर को तत्काल सस्पेंड किया जाए। साथ ही, संबंधित क्षेत्र के निगरानी अधिकारी की भूमिका की भी जांच हो और लापरवाही या मिलीभगत सामने आने पर उसे भी निलंबन की कार्रवाई का सामना करना होगा।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा, “पात्र लाभार्थियों को उनका हक समय से मिले, ये हमारी जिम्मेदारी है। यदि कोई इसमें बाधा डालता है, तो चाहे वह कोई भी हो, बख्शा नहीं जाएगा।”

अंत्योदय गैस योजना में भी मिले फर्जीवाड़े के संकेत

अंत्योदय गैस रीफ़िल योजना को लेकर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों को रियायती दर पर गैस सिलेंडर उपलब्ध कराना है, लेकिन कुछ स्थानों से शिकायतें मिल रही हैं कि योजना का लाभ अपात्रों को दिया जा रहा है या डीलरों द्वारा गैस वितरण में गड़बड़ी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि यदि इस योजना में भी फर्जीवाड़ा पकड़ा जाता है तो गैस एजेंसी डीलर के साथ-साथ संबंधित विभागीय अधिकारी पर भी कठोर कार्रवाई की जाएगी।

निरीक्षण और शिकायत निस्तारण को मिली प्राथमिकता

मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे नियमित रूप से राशन दुकानों और गैस वितरण केंद्रों का औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि फील्ड स्तर पर काम कर रहे अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि किसी भी गरीब या पात्र व्यक्ति को योजना का लाभ प्राप्त करने में परेशानी न हो।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने जनसुनवाई पोर्टल, हेल्पलाइन नंबर और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के त्वरित समाधान पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि हर शिकायत को गंभीरता से लिया जाए और जांच के बाद कार्रवाई की जाए, चाहे वह व्यक्ति कोई भी हो।

तकनीक का उपयोग और निगरानी सिस्टम मजबूत करने पर बल

मुख्यमंत्री ने राशन वितरण में ई-पॉस मशीनों के उपयोग को अनिवार्य रूप से लागू करने की बात कही, ताकि वितरण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और डुप्लीकेट एंट्रीज़ को रोका जा सके। अंत्योदय गैस योजना की निगरानी के लिए भी एकीकृत डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम लागू करने पर विचार किया जा रहा है।

निष्कर्ष

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कड़े रुख से यह साफ हो गया है कि सरकार गरीबों और जरूरतमंदों के लिए चलाई जा रही योजनाओं को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी। अब राशन और गैस वितरण व्यवस्था में फर्जीवाड़ा करने वालों पर सीधी कार्रवाई तय है, चाहे वह डीलर हो या अधिकारी। सरकार की यह सख्ती सिस्टम को जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है।


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