बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने मंगलवार देर रात अपने भतीजे और पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद को उनके पद से हटाने की घोषणा के साथ ही उन्हें अपने उत्तराधिकारी की ज़िम्मेदारी से तब तक मुक्त कर दिया है जबतक आकाश “ पूर्ण परिपक्वता “ हासिल नहीं कर लेते
लखनऊ ( ब्यूरो गुलबहार गौरी) लोकसभा चुनाव 2024 के तीसरे चरण की वोटिंग ख़त्म होने के कुछ घंटे बाद ही मायावती के इस ऐलान ने पार्टी कार्यकर्ताओं, राजनीतिक दलों और विश्लेषकों को हैरान कर दिया।
मायावती ने मंगलवार को देर रात अपने ट्वीट में लिखा,
विदित है कि बीएसपी एक पार्टी के साथ ही बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आम्बेडकर के आत्म-सम्मान व स्वाभिमान तथा सामाजिक परिवर्तन का भी मूवमेन्ट है जिसके लिए मान्य. श्री कांशीराम जी व मैंने ख़ुद भी अपनी पूरी ज़िन्दगी समर्पित की है और इसे गति देने के लिए नई पीढ़ी को भी तैयार किया जा रहा है ।
मायावती ने ट्यूटर पर लिखा , “इसी क्रम में पार्टी में, अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही, श्री आकाश आनन्द को नेशनल कोऑर्डिनेटर व अपना उत्तराधिकारी घोषित किया, किन्तु पार्टी व मूवमेन्ट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम ज़िम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है जबकि इनके पिता श्री आनन्द कुमार पार्टी व मूवमेन्ट में अपनी ज़िम्मेदारी पहले की तरह ही निभाते रहेंगे ।
लोकसभा चुनाव के चार चरण बाकी हैं
वो भी पार्टी के स्टार प्रचार आकाश आनंद के ख़िलाफ़ जिन्होंने पिछले कुछ समय से अपनी रैलियों से बीएसपी को मतदाताओं के बीच काफ़ी चर्चा में ला दिया था ।
मायावती ने लिखा है कि पूर्ण परिपक्वता होने तक आकाश आनंद को दोनों अहम ज़िम्मेदारियो से अलग किया जा रहा है तो सवाल ये है कि क्या वो आकाश आनंद को राजनीतिक तौर पर पूरी तरह परिपक्व नहीं मानती हैं।
अगर वो पूर्ण परिपक्व नहीं थे तो मायावती ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी और पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर बनाकर ग़लती की थी और क्या अब उन्होंने उन्हें हटाकर अपनी ग़लती सुधारी है ।
आकाश आनंद अपनी पिछली कुछ चुनावी रैलियों में बेहद आक्रामक अंदाज़ में दिखे हैं
इन रैलियों में आक्रामक भाषणों की वजह से उनके ख़िलाफ़ चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में दो केस दर्ज किए गए थे।
28 अप्रैल को उत्तर प्रदेश में सीतापुर की रैली में उन्होंने योगी आदित्यनाथ की सरकार की ‘तालिबान से तुलना’ करते हुए उसे आतंकवादियों’ की सरकार कहा था इसके अलावा उन्होंने लोगों से कहा था कि वो ऐसी सरकार को जूतों से जवाब दे।
इस आक्रामक भाषण पर हुए मुक़दमे के बाद ही आकाश आनंद ने 1 मई को ओरैया और हमीरपुर की अपनी रैलियां रद्द कर दी थीं।
पार्टी की ओर से ये कहा गया है कि परिवार के एक सदस्य के बीमार पड़ने की वजह से ये रैलियां रद्द की गई हैं।
लेकिन राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि मायावती आकाश आनंद की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों से खुश नहीं है ।
इस आक्रामक शैली से उन्हें चुनाव में अपनी पार्टी का फ़ायदा होने से ज़्यादा नुक़सान की आशंका सताने लगी थी।
सूत्रों की मानें तो मायावती आकाश आनंद को लेकर ओवर प्रॉटेक्टिव हैं , वो नहीं चाहतीं कि इस समय वो कोई मुश्किल में फंसें ,और इससे भी बड़ी बात ये है कि वो इस समय बीजेपी से अपना संबंध नहीं बिगाड़ना चाहतीं क्योंकि आकाश आनंद ने चुनावों के बीच ये कहना शुरू कर दिया था कि उनकी पार्टी चुनाव के बाद किसी से भी गठबंधन कर सकती हैं ।
आकाश आनंद मायावती के सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे हैं।
आकाश 2019 से पार्टी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर के तौर पर काम कर रहे थे ।लेकिन मायावती ने उन्हें 2023 में पार्टी का नेशनल को-ऑर्डिनेटर और अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित किया।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मायावती ने उन्हें ये सोच कर ज़िम्मेदारी दी कि युवा आकाश पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं और नई पीढ़ी के दलित नेतृत्व को उत्साहित कर सकेंगे।
मायावती ने उन्हें ये ज़िम्मेदारी ऐसे समय में सौंपी थी जब पार्टी का राजनीतिक ग्राफ़ नीचे जाता दिख रहा था लेकिन पार्टी का ग्राफ़ जब कुछ ऊपर होता दिखाई दिया तो किसके इशारे पर दोनों पदों से हटा दिया गया