ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौक़े पर रुड़की के उमर एनक्लेव में महफ़िल -ए-समा मुनक्किद


रुड़की: (मौ. गुलबहार गौरी) ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर रुड़की रामपुर चुंगी स्थित उमर एनक्लेव में नाते पाक और महफ़िल ए समा मुनक्किद किया गया

मूए मुबारक की ज़ियारत कराते हुए सैयद डॉ बिलाल मिया हसन साबरी👆🏻

ख्वाजा गरीब नवाज मोइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी र.अ. की टोपी मुबारक की भी जियारत कराते हुए 👆

देर रात तक कव्वालों ने पैगम्बर मुहम्मद साहब और औलिया इकराम की शान में कलाम पढ़े, जिसे सुनकर अकीदतमंद झूम उठे। अगले दिन मंगलवार को कुँवर शाहिद के आवास पर पैगम्बर मुहम्मद साहब के मूए मुबारक (दाढ़ी के बाल) और हिन्द के राजा ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती गरीब नवाज की टोपी मुबारक की जियारत कराई गई, जिसे पीलीभीत से गद्दीनशीन डॉ सैय्यद बिलाल हसन चिश्ती साबरी रुड़की लेकर पहुँचे थे।
माह रबीउल अव्वल की 12 तारीख को देशभर में जश्न ए ईद मिलादुन्नबी बड़े तुज्क-ओ-एहतिशाम व अक़ीदत के साथ मनाया गया। रुड़की रामपुर चुंगी स्थित उमर एनक्लेव में अंजुमन गुलामाने मुस्तफा सोसायटी (रुड़की) की ओर ईद मिलादुन्नबी के मौके पर लंगर ख्वानी और महफ़िल ए समा का आयोजन किया गया। लखनऊ से आए मशहूर कव्वाल कमर वारसी ने देर रात तक सूफियाना कलाम पढ़े जिसे सुनकर अकीदतमंद खुद को रोक नही पाए, और झूमने पर मजबूर हो गए। महफ़िल की सदारत ड़ॉ सैय्यद बिलाल हसन चिश्ती साबरी ने की। अगले दिन कुँवर शाहिद के आवास पर पैगम्बर मुहम्मद साहब के मूए मुबारक (दाढ़ी का बाल) और ख्वाजा गरीब नवाज़ अजमेरी की टोपी शरीफ की जियारत कराई गई। जिसे पीलीभीत दरगाह सैय्यद अनवर अली शाह से गद्दीनशीन डॉ बिलाल मियां रुड़की लेकर पहुँचे थे। कार्यक्रम के बाद सैय्यद बिलाल मियां ने मुल्क में अमनो सलामती की दुआएं कराई। इस मौके पर शाहिद नूर, कुँवर शाहिद, साकिब शहजाद, गुड्डू साबरी, मेहरबान अली, हैदर अली, रफी सलमानी, अनस गाजी, विक्रांत कश्यप, सुहैल खान, रहमान खान, शगुन कश्यप, आस मोहम्मद, राशिद अहमद, सुबहान अंसारी, गौरव बंसल आदि उपस्थित रहे !


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