जिम कारोबारी की हत्या से सनसनी “मित्र पुलिस ”के स्लोगन की धूमिल होती शाख़


जिम कारोबारी वसीम हत्याकांड में दागदार हुई खाकी और दम तोड़ती इंसानियत ,
“मित्र पुलिस” के स्लोगन की धूमिल होती शाख़ 

( मृतक के भाई का प्रवीण नामक युवक पर दुश्मनी निकालने का आरोप)

रुड़की – ( रिपोर्ट मौ.गुलबहार गौरी) माधोपुर में हुए वसीम जिम ट्रेनर हत्याकांड में जहां पुलिस की छवि धूमिल हुई है वही खाकी पर कुछ सवालिया निशान भी है इसमें उत्तराखंड पुलिस का स्लोगन जो “मित्र पुलिस” के नाम से जाना जाता है उस पर भी जनता का विश्वास अब टूटने लगा है जिस तरीके से इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है उससे एक बात तो साफ है की इसमें पुलिस का अहम रोल नज़र आता है।

(ग्रामीणों का वसीम को बचाने वाले को पुलिस ने दी  गोली मारने की धमकी )

लोगों का कहना है कि किसी दल के सदस्य द्वारा पुलिस को साथ लेकर किसी व्यक्ति को रोककर उसका नाम पूछना और उसके बाद उसकी ज़बर्दस्त मार पिटाई करना, जिसमें उसके दाँत तक तोड़ देना और उसके बाद मे उसे तालाब में फेंक देना , ग्रामीणौ के आने के बाद उसको निकालने की कोशिश करने पर प्रवीण सैनी नामक युवक द्वारा यह कहा जाना कि अगर किसी ने इसे निकालने की कोशिश की तो उसे गोली मार दी जाएगी अपने आप में एक जघन्य अपराध की श्रेणी में आता है ।

(तालाब से वसीम का शव निकालते ग्रामीण)

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वसीम जिम ट्रेनर को इतनी बेरहमी से मारपीट की गई कि उसके कुछ दांत भी टूट गए,आँख और चेहरे पर भी काफी जख्म के निशान थे, गले पर भी गम्भीर निशान थे अधमरी हालत में उसको तालाब में फेंका गया और उसके बाद बचाने वाले को गोली मारने की धमकी दी गई जो इस हत्याकांड को अब तक के सभी मामलों से अलग करता है जिसका विरोध सभी विपक्षी दलो के लोग कर रहे हैं और यह मुद्दा काफी तूल पकड़ता जा रहा है।

भीम आर्मी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व सासंद चंद्रशेखर आजाद ने एक्स पर लिखा की वसीम अपनी बहन के घर से लौट रहा था पुलिस वालो ने उसे रास्ते में रोककर नाम पूछा और उसके बाद वसीम जिम ट्रेनर को बेरहमी से मारा जिसमे उसके दांत भी टूट गए इस पर भी मन नहीं भरा तो पास के तालाब में डाल दिया और तालाब से निकलने नहीं दिया और निकालने आये ग्रामीणों को गोली मारने की धमकी देकर भगा दिया गया जिससे वसीम की मृत्यु हो गई मेरी वसीम के परिवार से बात हुई है यह घटना अकल्पनीय, असहनीय,अस्वीकार्य है
भीम आर्मी जय भीम के प्रदेश अध्यक्ष दीपक सेठपुर ने एक सब इंस्पेक्टर सहित 6 लोगों के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है वहीं पुलिस ने भी दबाव बनाते हुए मृतक के भाई सहित 7 नामजद व 100-150 अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्जनों धाराओ मे मुकदमा पंजीकृत किया है जो कुछ पुलिस कर्मियों के अपराध को छिपाने का प्रयास प्रतीत होता है

जिस तरह से गौरव चौधरी झबरेड़ा , भीम आर्मी जय भीम के अध्यक्ष दीपक सेठपुर , भीम आर्मी के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इसे कुछ पुलिस कर्मियों की गुंडागर्दी करार दिया वही हरीश रावत ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया दूसरी तरफ़ विश्वविख्यात ध्रुव राठी के पैरोडी एक्स एकाऊटं पर भी ट्वीट कर इसे लिंचिंग का नाम दिया है ।सभी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री , डीजीपी व हरिद्वार पुलिस से इस मामले की निष्पक्ष जांच कर अपराधियो को कठोर सजा दिलाने की मांग की है।
अब इस मामले मे पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही साफ हो पाएगा की जांच अधिकारी “मित्र पुलिस” के इस स्लोगन की लाज़ रख पाते हैं या नही


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