सऊदी सरकार का फ़ैसला अब हज़ के दौरान एक कमरे में नहीं रहगें बीवी और शौहर


साथ ही मर्दों को महिला आज़मीने हज के कमरे में जाने की अनुमति भी नहीं होगी

अब हज के लिए जाने वाली बीवी और शौहर एक साथ एक कमरे में नहीं रह पाएंगे सऊदी अरब सरकार ने अपने फ़ैसले में कहा है कि अब औरत और मर्द एक कमरे में नहीं ठहर सकेंगे इस पर सऊदी अरब सरकार ने पाबंदी लगा दी ।

बताते चलें कि हर साल हिंदुस्तान से लगभग पौने दो लाख लोग हज पर जाते हैं लेकिन जिसमें हज कमेटी हाजियों के लिए सऊदी अरब में बिल्डिंग किराये पर लेकर उसमें 6-8 हाजियों तक को एक ही कमरे में ठहरने की व्यवस्था करती हैं जिससे हाज़न खवातीनों को ग़ैर महरम हाजियों से बेपर्दगी का एहसास होता था कुछ शिकायतों के बाद सऊदी सरकार ने अब औरत और मर्द को एक कमरे में रहने पर पाबंदी लगा दी है इस पर हज कमेटी ऑफ़ इंडिया ने भी अपनी नई गाइडलाइन जारी कर दी है ।

हज कमेटी ऑफ़ इंडिया मुंबई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लियाक़त अली आफाकी़ ने बताया कि सऊदी अरब में दुनिया के तमाम देशों से आने वाले हाजी अलग अलग कमरों में ठहराये जाते हैं सिर्फ़ भारत के हाजियों को ही एक कमरे में एकसाथ रहने की इजाज़त दी गई थी ।इसकी वजह ज़्यादा उम्र और कम पढ़े लिखे होने के कारण सऊदी हुकूमत ने भारतीय औरत व मर्द हाजियों को एक साथ कमरे में ठहरने और किचन देने की छूट दी थी । कुछ लोगों की शिकायत थी कि एक कमरे में ठहरने से औरतों की बेपर्दगी होती है ऐसे में औरत व मर्दों को अलग अलग कमरों में ठहराया जाए जिसके बाद हज कमेटी ऑफ इंडिया ने इसकी जानकारी सऊदी अरब सरकार को दी जिसके बाद सऊदी अरब सरकार ने औरतों व मर्दों को एक कमरें में रहने पर पाबंदी लगा दी गई।
हज कमेटी ऑफ़ इंडिया ने ये भी बताया कि पहले सभी हाजियों को प्रदेश स्तर पर रखा जाता था जबकि इस बार जिले वार हाजियों को एक ही इमारत में ठहराया जाएगा औरत मर्द की समस्याओं के सवाल पर उन्होंने बताया कि औरत मर्द का कमरा अग़ल बग़ल रहेगा ताकि ज़रूरत पड़ने पर एक-दूसरे की मदद कर सके इमारत के हर फ़्लोर पर एक रिसेप्शन होगा जहाँ पर अपनी शरीके हयात , माँ,बहन, बेटी से बैठकर बातचीत कर सकेंगे उन्होंने यह भी बताया कि बुजुर्ग कैटेगरी में उम्र सीमा 70 साल से घटाकर 65 साल कर दी गई है इस कैटेगरी के हाजियों को एक साथ रखा जाएगा बग़ैर महरम की औरत जो 65 साल की कैटेगरी में आती हो उन औरतों को भी एक साथ रखा जाएगा।
हज कमेटी ऑफ़ इंडिया ने अपने कोटा सिस्टम में भी बदलाव किया है जहाँ 2024 में 80% कोटा हज कमेटी का रहता था वहीं 20% कोटा निजी टूर & ट्रैवल कंपनियों के पास जाता था अब इसमें बदलाव करते हुए हज कमेटी ऑफ इंडिया ने 2025 में निजी ट्रैवल कम्पनियों का कोटा 10% बढ़ा दिया है जिससे अब 70% कोटा हज कमेटी के पास रहेगा बाक़ी 30% कोटा निजी टूर & ट्रैवल कंपनियों को मिलेगा ।
अल्पसंख्यक मंत्रालय की नई गाइडलाइन के मुताबिक़ 65 साल या उससे ऊपर की उम्र वाले औरत और मर्द को अब अकेले हज पर जाने पर पाबंदी लगा दी गई है इसमें 65 साल से ज़्यादा ग़ैर महरम वाली औरत भी अकेले नहीं जा सकेगी दोनों कैटेगरी में उनको अपने साथ एक रिश्तेदार को मददगार के रूप में ले जाना अनिवार्य कर दिया गया है ।

साथ ही हज कमेटी ऑफ़ इंडिया के ज़रिए आजमीन-ए-हज ज़िंदगी में सिर्फ़ एक बार ही हज के लिए जा सकेंगे
बताते चले कि सऊदी अरब में हाजियों की मदद के लिए भेजे जाने वाले खादिमुल हुज्जाज जिन्हें कुछ हाजियों को ग़लतफ़हमी रहती थी और हाजी इन्हें अपना ख़िदमतगार समझते थे जिससे वो अपने निजी काम करवाते थे कुछ लोगों की शिकायत के बाद अब इन मददगारों को इंस्पेक्टर का नाम दिया गया हैं नई नीति में में इन्हें सम्मान देने की कोशिश की गई हैं।
ग़ौरतलब हैं कि औरतों व मर्दों के अलग-अलग रहने के इस फ़ैसले से जहां बेपर्दगी के लिए बेहतर साबित होगा ।
वहीं बुजुर्ग हाजियों व बीमार हाजी की देखभाल हाजन ख़ातून कैसे कर पायेगी ?
एक साथ एक कमरे में आधे दर्जन से ज़्यादा औरतें बिना शोर शराबे के रह पायेगीं ?

ऐसे कुछ सवालों का जवाब हज 2025 के मुकम्मल होने के बाद ही मिल पाएगा ।


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